मृदा (Soils)

❖ लैटराइट मिट्टी में आयरन व सिलिका सबसे अधिक पाया जाता है।
❖ लैटराइट मिट्टी में लोहे और एल्युमीनियम के कण पाए जाते हैं।
❖ लेटराइट मिट्टी में आयरन एवं सिलिका होती है।
❖ चाय अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों में उगाई जाती है।
❖ चाय की खेती के लिए सबसे उपयुक्त लैटराइट मिट्टी है।
❖ लैटराइट मिट्टी सबसे अधिक मालाबार तटीय प्रदेशो में पायी जाती है।
❖ लैटराइट मिट्टी को अन्य मुखरैला मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है।

❖ नयी जलोढ़ मिट्टी को खादर कहते हैं।
❖ पुरानी जलोढ़ मिट्टी को बांगर कहते हैं।
❖ जलोढ़ मृदा में कार्बनिक पदार्थ अधिक होती है।
❖ जलोढ़ मिट्टी में पोटाश की बहुलता है।
❖ जलोढ़ मिट्टी में सबसे कम उर्वरक की आवश्यकता होती है।
❖ भारत में जलोढ़ मिट्टी सर्वाधिक पायी जाती है। 
❖ जलोढ़ मिट्टी भारत के लगभग 22 प्रतिशत क्षेत्रफल पर पाई जाती है।
❖ गंगा में जलोढ़ मिट्टी भूमि की सतह से 600 मीटर नीचे तक पाई जाती है।

❖ लाल मिट्टी का लाल रंग लौह ऑक्साइड के कारण होता है। ❖ लाल मिट्टी में सिलिका एवं आयरन की बहुलता होती है। 
❖ भारत में लाल मिट्टी का विस्तार सबसे अधिक विस्तार आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु राज्य में है।
❖ लाल व पीली मिट्टी का विस्तार छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य में है।

❖ लावा के प्रवाह से काली मिट्टी का निर्माण होता है। 
❖ काली मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।
❖ काली मिट्टी में आयरन, चूना, एल्युमीनियम एवं मैग्नेशियम की बहुलता होती है।
❖ भारत का उत्तरी मैदान कछारी मिट्टी से आच्छादित है।
❖ कपास की खेती के लिए काली मिट्टी उपयुक्त होती है।
❖ गेहूँ के उत्पादन के लिए उपयुक्त मिट्टी दोमट है।
❖ भारत में काली मिट्टी (रेगूर मिट्टी) का क्षेत्र मध्य एशिया तक सीमित है।
❖ मिट्टी के कटाव का मुख्य कारण जंगलों की कटाई है।

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